How Much You Need To Expect You'll Pay For A Good सोयाबीन के तेल के फायदे



सोयाबीन ऑयल स्वास्थ्य पर क्या असर डालता है और सोयाबीन तेल के फायदे क्या हैं, ये सब हम आगे रिसर्च के आधार पर बता रहे हैं। इन फायदों को जानकर यह न समझ लें कि सोयाबीन तेल का उपयोग करने के बाद बीमारी में डॉक्टर से परामर्श लेने की जरूरत नहीं है। यह तेल बीमारियों से बचाव कर सकता है, लेकिन किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है। इसलिए, बीमार होते ही डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।

सोयाबीन से विभिन्‍न सोया-आधारित खाद्य पदार्थों जैसे कि सोया मिल्‍क और टोफू तैयार किया जाता है। मीट और डेयरी उत्‍पादों के विकल्‍प के रूप में भी सोयाबीन का सेवन किया जाता है। एशियाई देशों में खमीरीकृत चीज़ों जैसे कि सोया सॉस, टेंपेह और मिसो में मुख्‍य रूप से सोयाबीन का इस्‍तेमाल किया जाता है। सोयाबीन से तेल भी तैयार किया जाता है।

सोयाबीन का सेवन एनीमिया रोग, लाल रक्त कोशिकाओं की कमी और हड्डियों के कमजोरी दूर करने में किया जाता है। सोयाबीन को अनेक तरीकों से प्रयोग किया जा सकता है जैसे सोयाबीन के बीच की सब्जी बनाकर, इसका तेल निकालकर, सोयाबीन की बड़ी बनाकर आदि।

बच्चों को सोयाबीन के तेल का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए इससे उन्हें बुखार, मतली एवं चकत्ते की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

सोया तेल में पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड की भी कुछ मात्रा पाई जाती हैं। जब ये फैटी एसिड टूट जाते हैं, तो ये शरीर के विभिन्न अंगों में जमा हो जाते हैं। इन अंगों में लिवर और किडनी भी होती हैं जिससे वजन बढ़ जाता है, जो बाद में सूजन और डायबिटीज का कारण बन जाता हैं। (और पढ़ें - डायबिटीज डाइट चार्ट)

यह लिवर की सूजन या फैटी लिवर की समस्या से राहत दिलाने में मददगार होता है। इसके नियमित सेवन से लिवर की कार्य क्षमता बढ़ने के साथ साथ पाचन क्रिया मजबूत होती है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद मिलती है और शरीर स्वस्थ व निरोगी रहता है।

खेती-बाड़ी, बागवानी, मशीनरी, सरकारी योजनाओं बिज़नेस आईडिया, पशुपालन, लाइफ स्टाइल एग्रीकल्चर सरकारी जॉब्स, उन्नत उद्योग और कृषि विज्ञान केंद्र से सम्बंधित विश्वसनीय जानकारी सबसे पहले कृषि दिशा पर पढें.

इस लेख के अगले भाग में हम सोयाबीन के बीज में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों की जानकारी दे रहे हैं।

सोयाबीन के बीज में एंटी इन्फ्लेमेटरी और कोलेजन के गुण पाए जाते हैं। इसलिए यह त्वचा में निखार लाने और त्वचा रोगों से बचाने में मददगार होता है। सोयाबीन में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को अल्ट्रावायलेट किरणों से भी सुरक्षा पहुंचाने का काम करता है।

सोयाबीन के तेल में फाइटोएस्ट्रोजन होता है। यह शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को बनाए रखने में सहायक होता है। इसकी वजह से स्तन और पेट के कैंसर से बचा जा सकता है।

सोयाबीन में आइसोफ्लेवॉन्स नाम का एक रसायन होता है जो हमारे शरीर में ब्लड शुगर और कोलेस्ट्राल के स्तर को कम करता है

दूध और तेल जैसे सोयाबीन में ऐसे मिश्रण होते हैं जो महिला सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन की नकल करते हैं। यह पुरुषों में हार्मोन को असंतुलित करने का कारण बन सकता है, जब वे बहुत ज्यादा सोया उत्पादों का सेवन करते हैं। यह स्त्री रोग और अन्य समस्याओं जैसे स्पर्म काउंट को कम कर देना, बांझपन, यौन रोग और कुछ प्रकार के कैंसर के विकास के रूप में विकारों को जन्म दे सकता है।

सोयाबीन न केवल प्रोटीन का एक उत्कृष्ट स्त्रौत है बल्कि कई शारीरिक क्रियाओं को भी प्रभावित करता है। विभिन्न शोधकर्ताओं द्वारा सोया प्रोटीन का प्लाज्मा लिपिड एवं कोलेस्टेरॉल की मात्रा पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया गया है सोयाबीन के तेल के फायदे और यह पाया गया है कि सोया प्रोटीन मानव रक्त में कोलेस्टेरॉल की मात्रा कम करने में सहायक होता है। निर्दिष्ट स्वास्थ्य उपयोग के लिए सोया प्रोटीन संभवतः पहला सोयाबीन घटक है।

हर कोई चाहता हे उसके बाल बहुत घने हो, सुन्दर और नरम हो इसके लिए ना जाने हम लोग अपने बालो में क्या क्या लगते हैं ना जाने क्या क्या खाते है

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